वैसे तो अधिकारियों को उम्मीद थी कि पंचायत सदस्यों के पद निर्विरोध ही हो सकते हैं लेकिन प्रधानों के निर्वाचन के बाद विपक्षी भी सदस्य के पदों पर नामांकन कराकर आने वाले पांच साल तक प्रधानों के सामने चुनौती देने की तैयारी में जुटे हैं। ऐसे में कई पंचायतों में सदस्यों के पदों पर होने वाले चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्मा गया है।
जिले के 363 प्रधानों का भविष्य सदस्यों के निर्वाचन पर टिका है। ऐसे में प्रधान भी कोरम पूरा करने के लिए सदस्यों को निर्वाचित कराने की कवायद में जुटे हैं। सदस्यों का चुनाव न होने से वह प्रधान होने के बाद भी न तो खातों का संचालन कर पाएंगे और न ही पंचायतों की बैठक। जिले की 1214 ग्राम पंचायतों में से 363 में ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या पूरी न होने से गांव की सरकार का गठन भी अभी तक अटका है।
जिले की पांच ग्राम पंचायतों में निर्वाचित प्रधानों का निधन हो चुका है और रिक्त सीटों को उपचुनाव से भरा जाना है। पर्चों की बिक्री के साथ ही इन पंचायतों में चुनाव की संभावना बन रही है।इनमें विकासखंड कर्नलगंज की ग्राम पंचायत धनावा, परसपुर में चरहुंआ, कटराबाजार में टेढ़ी, तरबगंज में गौहानी व नवाबगंज में ग्राम पंचायत नगवा की प्रधान शामिल हैं। इन पंचायतों में कई दावेदार सामने आ रहे हैं। नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
रिपोर्ट - अशोक सागर
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