गोंडा - सरकार की योजनाओं में सहयोग न करने वाले बैंक अब डीएम के निशाने पर हैं। बुधवार को बैठक के दौरान जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने चेतावनी दी है कि ऐसे बैंक जो सरकार की योजनाओं का लाभ जनता को देने में आनाकानी कर रहे हैं।उन बैंकों से सरकारी खाते हटा लिए जाएंगे। कहा कि सरकार की मंशा है कि जरूरतमंद और पात्रों को योजनाओं का लाभ मिले। लेकिन कुछ बैंकों द्वारा इसमें मनमानी की शिकायतें मिल रही है। जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा।बुधवार को डीएम मार्कंडेय शाही की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने सभी बैंकों के प्रबंधकों को सख्त निर्देश दिए कि स्वयं सहायता समूहों को बैंक स्तर से पूरा सहयोग प्रदान किया जाए।इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड के लंबित आवेदनों को निस्तारित कर पात्र कृषकों को केसीसी ऋण मुुहैया कराएं। समीक्षा में पता चला कि बैंकवार ऋण जमा अनुपात में बैंक ऑफ महाराष्ट्रा, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है।इसी प्रकार वार्षिक ऋण योजना 2020-21 में पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्रा और स्टेट बैंक आफ इंडिया की स्थिति सबसे खराब है, जबकि किसान क्रेडिट कार्ड में यूको बैक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब एण्ड सिंध बैंक और आईडीबीआई बैंक की कार्यप्रणाली खराब है।ब्यूरो चीफ गोण्डा - अशोक सागर