नगर में 27 वार्ड हैं। सभी वार्डों में कर्मचारी लगे हैं लेकिन अफसरों की निगरानी न होने से लापरवाही चरम पर है। छह माह से किसी भी अधिकारी ने नगर पालिका की गंदगी पर सवाल नहीं उठाए। गोंडा जिला अस्पताल के पास फोर लेन सड़क के किनारे कूड़े का जमाव है।
गायत्रीपुरम चौराहे पर गंदगी का ढेर लगा है। शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह इंटर कॉलेज के सामने दूसरे छोर पर सड़क पर ही जलभराव और गंदगी है। आवास विकास कॉलोनी में एलआईसी भवन के आगे कूड़े का अंबार लगा हुआ है। नगर पालिका से सटे शहरी इलाके जानकी नगर में कुष्ठ सेवा केंद्र व गल्लामंडी रोड पर भीषण गंदगी है।
गोंडा-लखनऊ मुख्य मार्ग पर स्थित एक होटल के सामने साल भर से वाटर पाइप में रिसाव हो रहा है। आला अधिकारी से लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी प्रतिदिन उधर से गुजरते हैं लेकिन पानी का रिसाव उन्हें नहीं दिखा। बड़गांव चौराहे से पहले व जिला अस्पताल के मध्य सड़क पर भी पानी का रिसाव हो रहा है। इसे भी ठीक नहीं कराया गया।शहर के एक दर्जन से अधिक मोहल्ले नगर पालिका और पंचायत क्षेत्र की सीमा के फेर में फंसे हैं। उनका विकास ही प्रभावित हो गया है। इमिलिया गुरुदयाल, बड़गांव, जानकीनगर, गोंडा गिर्द, छावनी सरकार, बूढ़ा देवर, सेमरा, पूरे शिवा बख्तावर, खैरा, पथवलिया व परेड़ सरकार आदि पंचायतें बिल्कुल शहर के भीतर तक शामिल हैं।
ऐसे में निहालपुरवा, गायत्रीपुरम, टैगोर कॉलोनी, आजाद नगर कॉलोनी आदि मोहल्लों में जलनिकासी और सफाई नहीं हो पाती है। नगर पालिका पंचायत क्षेत्र का मामला बताता है और पंचायतें शहरी क्षेत्र का मामला बताकर पल्ला झाड़ ले रही हैं। प्रशासन ने 26 ग्राम पंचायतों को शहर की सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है लेकिन अभी तक इस पर शासन से कोई निर्णय नहीं हो सका है।
रिपोर्ट-अशोक सागर
No comments:
Post a Comment